बाल कल्याण समिति सभागार में हुआ आयोजन
पाकुड़। झारखंड विकास परिषद, अमड़ापाड़ा और जिला बाल संरक्षण इकाई, पाकुड़ के संयुक्त तत्वावधान में बाल संरक्षण और मानव तस्करी से जुड़े सेवा प्रदाताओं एवं कर्तव्य वाहकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बाल कल्याण समिति कार्यालय, सभागार, पाकुड़ में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल संरक्षण से जुड़े हितधारकों एवं सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन करना था। इसमें वैकल्पिक देखरेख, बाल संरक्षण, मानव तस्करी और अन्य संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रशिक्षण का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि बाल दुर्व्यवहार के पीड़ितों और संभावित पीड़ितों को समय पर सहायता मिल सके और उन्हें आवश्यक सेवाओं से जोड़ा जा सके।
दीप प्रज्वलन से हुआ उद्घाटन
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें बाल कल्याण समिति, पाकुड़ के अध्यक्ष डॉ. शंभू कुमार यादव, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी व्यास ठाकुर, बाल मित्र पुलिस पदाधिकारी, विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी विनय कुमार शर्मा, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य रेणु कुमारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य सुबीर भट्टाचार्य, रंजना श्रीवास्तव, रतन कुमार सिंह, संस्था समन्वयक मनोरंजन सिंह और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
मिशन वात्सल्य के प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी व्यास ठाकुर ने मिशन वात्सल्य के नए प्रावधानों पर जानकारी दी। उन्होंने स्पॉन्सरशिप योजनाओं और बच्चों की वैकल्पिक देखभाल पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने हितधारकों से सामूहिक रूप से कार्य करने की अपील की और कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई सभी संभव सहायता प्रदान करेगी।
बाल संरक्षण कानूनों पर चर्चा
विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी विनय कुमार शर्मा ने बाल संरक्षण की सार्वभौमिक परिभाषा, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015, पॉक्सो अधिनियम-2012 और मिशन वात्सल्य के कानूनी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मानव तस्करी की परिभाषा, रोकथाम के संवैधानिक प्रावधान तथा सोर्स, ट्रांजिट और गंतव्य बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया।
जे.जे. एक्ट 2015 की धाराओं पर चर्चा
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. शंभू कुमार यादव ने जे.जे. एक्ट 2015 की महत्वपूर्ण धाराओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों के सवालों का उत्तर देकर सेवा प्रदाताओं को कानूनी प्रावधानों की स्पष्ट समझ प्रदान की।
‘सुरक्षित बचपन के लिए दामिन पहल’ अभियान
झारखंड विकास परिषद के परियोजना समन्वयक मनोरंजन सिंह ने बताया कि उनकी संस्था अमड़ापाड़ा प्रखंड में ‘सुरक्षित बचपन के लिए दामिन पहल’ अभियान के तहत मानव तस्करी की रोकथाम और बाल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
संस्था ने अमड़ापाड़ा प्रखंड के 20 गांवों में बाल मित्र केंद्रों की स्थापना की है। इन केंद्रों के माध्यम से बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल मजदूरी, बाल तस्करी, नशाखोरी और अशिक्षा जैसी समस्याओं से बच्चों को बचाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रशिक्षण में विभिन्न हितधारकों की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजेश कुमार मंडल (संरक्षण पदाधिकारी), बीणा कुमारी (परामर्शदाता), समाजिक कार्यकर्ता भोला यादव, बबलू प्रसाद शाह (जिला बाल संरक्षण इकाई), चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक मो. फैयाज आलम, शमा परवीन (संरक्षण पदाधिकारी, पाकुड़), संजय कुमार सिंह (अधीक्षक, बाल आश्रय गृह, पाकुड़), मदन शर्मा, कुमारी प्रियंका सहित कई अन्य गणमान्य हितधारकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में झारखंड विकास परिषद के प्रखंड समन्वयक अजय मुर्मू ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आशा जताई कि इस तरह के प्रशिक्षण से बाल संरक्षण और मानव तस्करी की रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
यह कार्यक्रम बाल संरक्षण और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिससे जुड़े हितधारकों को कानूनी प्रावधानों और सहयोग तंत्रों की गहरी समझ प्राप्त हुई।