रामगढ़ । हाथ में साफ हवा हो दो या इच्छा मृत्यु की मांग करते स्लोगन के साथ रामगढ़ के उपायुक्त कार्यालय के बाहर लोगों विरोध प्रदर्शन किया। रामगढ़ जिले के भदानीनगर के भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में कोयला लोडिंग और अनलोडिंग से प्रदूषण फैल रहा है। लंबे समय से इन इलाकों में रहने वाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं। खुले ट्रक में कोयला इन इलाकों से लेकर जाया जाता है। इससे उड़ने वाले धूल डस्ट से स्थानीय ग्रामीण परेशान है। उनका कहना है कि दिन-रात साइडिंग में कोयला ढुलाई और लदाई के कारण उनका जीना मुहाल हो गया है। सांस लेने से मुंह के अंदर डस्ट चला जाता है। दिनभर हवा में उड़ने वाले धूल के कारण कई बीमारियां हो रही हैं।
हवा में फैल रहा है जहर
20 दिन से भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में कोयले की डंप की आग से वातावरण गर्म हो रहा है। वातावरण इतना दुषित है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है। साइडिंग से फैल रहे प्रदूषण से पास के महुआ टोला, लपंगा बस्ती, स्टेशन कॉलोनी, ग्लास फैक्ट्री, लादी, चिकोर गांव प्रभावित हो रहे है। ग्रामीणों ने साइडिंग को कहीं और ले जाने की मांग रखी है।
बीमार पड़ने लगे हैं लोग
ग्रामीणों का कहना है कि साइडिंग संचालित होना पूरी तरह से गलत है। इसके प्रदूषण से सांस और त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हो रहे है। धूल से खेती-बारी पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। साइडिंग से 200 मीटर की दूरी पर आवासीय विद्यालय-आंगनबाड़ी के बच्चों पर भी असर पड़ रहा है। भारी वाहनों से भी लोगों का जानोमाल का डर बना हुआ रहता है। ग्रामीणों ने कहा कि साइडिंग के खिलाफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन भेजा जा चुका है।
डीसी ने दिया भरोसा करेंगे सख्त कार्रवाई
भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में विभिन्न कोलियरी से कोयला ट्रक, हाइवा, रैक के माध्यम से आता है। इसके बाद यहां से देश विभिन्न पावर प्लांट में कोयला भेजने का काम किया जाता है।विरोध प्रदर्शन के बाद रामगढ़ उपायुक्त माधवी मिश्रा से ग्रामीणों ने मुलाकात की। उपायुक्त ने भरोसा दिया है कि वह इस पर कार्रवाई करेंगी।
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