Tuesday, November 18, 2025
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एडिटर इन चीफ
धर्मेन्द्र सिंह

रांची में शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मुलाकात, उर्दू शिक्षा और सदर अस्पताल की समस्याओं पर की विस्तृत चर्चा

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उर्दू शिक्षा को लेकर झामुमो नेता शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

पाकुड़: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने रांची स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य में उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने एवं उर्दू शिक्षकों की बहाली से जुड़ी महत्वपूर्ण मांगें रखीं। शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आलिम और फाजिल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को पहले की तरह शिक्षक नियुक्तियों में मान्यता दी जाए, ताकि वे प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में उर्दू सहायक शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दे सकें।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल उर्दू भाषा के शिक्षकों को रोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि राज्य के उर्दू शिक्षा तंत्र को भी मजबूती प्राप्त होगी। शाहिद इक़बाल का कहना था कि उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की साझा संस्कृति और गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है।


हर सरकारी स्कूल में उर्दू की पढ़ाई शुरू करने की मांग

शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि राज्य के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में उर्दू विषय को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई न होने के कारण मुस्लिम छात्र-छात्राएं उर्दू शिक्षा से दूर हो रहे हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उर्दू एक भारतीय भाषा है, जिसका जन्म इसी मिट्टी में हुआ है। यह भाषा स्वतंत्रता संग्राम, कला, संगीत, और साहित्य के क्षेत्र में भारत की पहचान रही है। शाहिद इक़बाल ने कहा, “उर्दू भाषा ने देश की एकता और भाईचारे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। झारखंड में भी इस भाषा को अन्य भाषाओं की तरह सम्मान और अवसर मिलना चाहिए।”


पाकुड़ जिला में उर्दू शिक्षकों की बहाली की मांग

मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान शाहिद इक़बाल ने विशेष रूप से पाकुड़ जिला में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में उर्दू भाषी विद्यार्थी हैं, परंतु उर्दू शिक्षक न होने से भाषाई शिक्षा बाधित हो रही है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पाकुड़ में उर्दू शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए ताकि विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार द्वारा यदि इस दिशा में पहल की जाती है तो यह राज्य के अल्पसंख्यक समुदायों में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।


सदर अस्पताल की स्थिति पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया

मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के दौरान शाहिद इक़बाल ने पाकुड़ सदर अस्पताल की स्थिति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यद्यपि सदर अस्पताल का भवन विस्तृत परिसर और आधुनिक ढांचे से सुसज्जित है, फिर भी वहां डॉक्टरों, नर्सों, एएनएम और अन्य स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के कारण अक्सर मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है, जिससे गरीब और दूरदराज़ के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि अस्पताल में चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी पदों की शीघ्र नियुक्ति की जाए ताकि मरीजों को बेहतर इलाज स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके।


मुख्यमंत्री ने दिया भरोसा, जल्द होगी पहल

शाहिद इक़बाल की बातों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उर्दू शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं दोनों क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार की प्राथमिकता है कि हर भाषा और हर समुदाय को समान सम्मान मिले तथा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं हर नागरिक तक पहुँचें

शाहिद इक़बाल ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि सरकार के सहयोग से उर्दू भाषा और पाकुड़ की स्वास्थ्य व्यवस्था दोनों को नई दिशा मिलेगी।

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