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धनबाद11 मिनट पहलेलेखक: जीतेंद्र कुमार
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जिले में इन दिनाें मिलावटखाेराें की चांदी है। धनबाद में 133 दिनाें से खाने-पीने की सामग्रियों की जांच के लिए न ताे सैंपल कलेक्शन हुआ और न ही जांच के कोई कदम उठाए गए। जिले में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी का पद रिक्त पड़ा है। 9 फरवरी 2023 काे जिला धनबाद खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अभिषेक आनंद काे रिश्वत लेते एसीबी ने रंगेहाथ पकड़कर जेल भेज दिया था।
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एसीबी की कार्रवाई के बाद विभाग ने अभिषेक आनंद काे सस्पेंड कर दिया था। उसके बाद से धनबाद में किसी दूसरे अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई और न ही किसी पदाधिकारी काे खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी का प्रभार दिया गया। एक पखवारे पूर्व बाेकाराे में पदस्थापित फूड सेफ्टी ऑफिसर श्वेता लकड़ा काे सप्ताह मे दाे दिन के लिए धनबाद का प्रभारी बनाया गया, लेकिन आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से एक खाद्य सेफ्टी ऑफिसर नाकाफी है।
लिहाजा तब से अब तक खाने-पीने की जांच के लिए काेई सैंपल लिया ही नहीं गया। जिले में जांच के लिए काेई अधिकारी नहीं है। लिहाजा मिलावटखाेर भी किसी तरह की कार्रवाई से निश्चिंत हैं। हालांकि बुधवार को चिरकुंडा में एक मसाला दुकान से सैंपल लेने की सूचना है। बताते चलें कि खाने-पीने की जांच के लिए जिलेभर से सैंपल एकत्र कर जांच के लिए रांची या काेलकाता की लैबों में भेजा जाता है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती है।
खाद्य जांच व सैंपलिंग के नोडल बने एमसीएमओ
अभिषेक आनंद की गिरफ्तारी के बाद जिले में फूड सेफ्टी ऑफिसर नहीं है। बाेकाराे में पदस्थापित फूड सेफ्टी ऑफिसर श्वेता लकड़ा काे 29 मई काे धनबाद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अब तक खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी के अधीन कार्य कर रहे थे, लेकिन 30 मई काे इसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग काे साैंप दी गई। इसके नाेडल पदाधिकारी एसीएमओ बनाए गए।
खाद्य सामग्रियों में मिलावट में यूपी के बाद झारखंड का नंबर
स्ट्रीट वेंडर्स ही नहीं, शहर के नामचीन हाेटल-रेस्टाेरेंट व मिठाई दुकान भी मिलावटी पदार्थाें की बिक्री से अछूते नहीं है। पूर्व में लिए गए सैंपल की जांच में मिलावट की पुष्टि भी हाे चुकी है। वहीं नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) की रिपोर्ट के अनुसार खाने-पीने की चीजाें में मिलावट के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है जबकि झारखंड दूसरे स्थान पर है। यूपी में मिलावट का स्तर 50 ताे झारखंड में 42 फीसदी केसों में मिलावट पाई गई।
जिस चाट को खाकर बीमार पड़े 100 लोग, उसका सैंपल तक नहीं लिया गया
अप्रैल में बलियापुर में मेले में चाट खाने के बाद साै से अधिक लाेग बीमार हाे गए। सभी का इलाज एसएनएमएमसीएच में हुआ। भुक्तभाेगियाें ने चाट खाने की बात बताई लेकिन जिस चाट काे खाकर इतनी संख्या में लाेग बीमार हाे गए, उसका न ताे सैंपल लिया गया और न ही जांच कराई गई। वह भी तब, जब स्वास्थ्य विभाग ने दूषित चाट खाने से लाेगाें के बीमारी हाेने की पुष्टि कर दी थी।
घी, दूध, मसाले, पनीर से लेकर नमक तक में मिलावट का हो चुका है खुलासा
धनबाद में मिलावटखोरों की चांदी है। बात चाहे नमक की हो या फिर घी, मसाला, शराब या फिर अन्य चीजों की। जिले के विभिन्न क्षेत्राें में अवैध फैक्ट्रियों कर खुलासा हो चुका है। नकली नमक पैकेजिंग का खुलासा कंपनी की जांच एजेंसी की सूचना पर की गई थी। पूर्व में शहर के कई प्रतिष्ठित रेस्टाेरेंट और मिठाई की दुकानाें से लिया गया पनीर का सैंपल जांच के बाद सब-स्टैंडर्ड पाया गया था।
खाद्य जांच और सैंपलिंग की जिम्मेवारी अब एसीएमओ के अधीन है। फिलहाल बोकारो की खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी काे सप्ताह में दाे दिन के लिए धनबाद का प्रभार दिया गया है। हालांकि नियमित खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी होने से बेहतर काम हाे पाएगा।
डाॅ आलाेक विश्वकर्मा, सीएस सह एसीएमओ, धनबाद
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