डुमरचीर पंचायत भवन में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम
पाकुड़। झारखंड विकास परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन डुमरचीर पंचायत भवन में किया गया। इस विशेष अवसर पर महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और अधिकारों को लेकर चर्चा की गई। कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों की 200 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
दीप प्रज्वलन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह की शुरुआत पंचायत की मुखिया रामी पहाड़ीन, संस्था सचिव सुवासिनी सोरेन, ग्राम प्रधान होपोनमय मुर्मू, वार्ड सदस्य पानमुनी मरांडी, महिला किसान समिति की अध्यक्ष सुमिता मरांडी, सेविका सोरेन और SHG अध्यक्ष बसंती मरांडी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई। इस दौरान उपस्थित महिलाओं ने महिला अधिकारों और समानता को बढ़ावा देने की शपथ ली।
महिला अधिकारों और सशक्तिकरण पर जोर
संस्था सचिव सुवासिनी सोरेन ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उन्हें सम्मान देना और लैंगिक समानता की वकालत करना है। उन्होंने बताया कि 2025 की थीम – “सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए: अधिकार। समानता। सशक्तिकरण” रखी गई है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
समाज में महिलाओं की भूमिका और संघर्ष पर चर्चा
इस अवसर पर वक्ताओं ने महिलाओं के संघर्ष और सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि समाज में महिलाओं की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता। महिला दिवस का यह आयोजन उनके अधिकारों को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
मुखिया रामी पहाड़ीन का संदेश – महिलाओं की उन्नति के लिए प्रभावी रणनीति अपनाएं
डुमरचीर पंचायत की मुखिया रामी पहाड़ीन ने कहा कि महिलाओं की उन्नति केवल उनके अधिकारों को पहचानने से नहीं होगी, बल्कि इसके लिए प्रभावी रणनीतियों को अपनाना जरूरी है। उन्होंने व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों से अपील की कि वे महिला उत्थान के प्रयासों को बढ़ावा दें और लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करें।
सामाजिक शोषण और डायन प्रथा के खिलाफ आवाज
SHG अध्यक्ष बसंती मरांडी ने बताया कि आज भी महिलाओं को सामाजिक शोषण, डायन प्रथा जैसी कुप्रथाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्लोगनों से गूंजा महिला सशक्तिकरण का संदेश
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने नारे लगाकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। कुछ प्रमुख नारे इस प्रकार रहे –
- “नारी अबला नहीं, सबला है।”
- “नारी के बिना पुरुष अधूरा है।”
- “नारी से ही घर पूरा है।”
- “नारी को अबला समझना भारी भूल है।”
- “नारी इस संसार में जीवन का मूल है।”
महिलाओं की भारी भागीदारी और प्रेरणादायक वक्तव्य
इस कार्यक्रम में जसिंता मिंज, मिनी सोरेन, अनीता मरांडी, मर्टिना हेम्ब्रम, दामू, फुलमूनी सोरेन, सुहागिनी मरांडी, अजय मुर्मू, साईमन, प्रेम, किरानी, दामू जी सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। सभी ने अपने विचार प्रस्तुत किए और महिला उत्थान को लेकर अपने सुझाव साझा किए।
200 से अधिक महिलाओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
इस कार्यक्रम में पडेरेकोला, जारकी और डुमरचीर पंचायत के 21 गांवों की लगभग 200 महिलाओं ने भाग लिया। उन्होंने अपनी समस्याओं को खुलकर साझा किया और एकजुट होकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में संस्था के मनोरंजन सिंह ने सभी महिलाओं और कार्यकर्ताओं को सफल आयोजन में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और समाज को इसे आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
इस आयोजन ने महिला जागरूकता, समानता और सशक्तिकरण के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार किया, जिससे भविष्य में समाज में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।