आगामी 09 दिसम्बर, झारखण्ड राज्य खाद्य आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के सफल क्रियान्वयन और निगरानी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मुखिया को सम्मानित किया जाएगा।
उक्त जानकारी आज खाद्य आयोग के अध्यक्ष, हिमांशु शेखर चौधरी ने आयोग कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित बैठक में दी। उन्होंने बताया कि जिलों के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु मुखियाओं के चयन हेतु मापदण्ड निर्धारित किए जाएंगे।
श्री चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 से आच्छादित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और उसके बेहतर निगरानी में मुखिया की अहम भूमिका है। राज्य के सभी मुखिया को अपने दायित्वों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही खाद्य आयोग ने राज्य के सभी जिलों के मुखिया को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
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बैठक में विस्तृत विचार विमर्श के उपरांत उत्कृष्ट कार्य करने वाले मुखिया के चयन के लिए कुल-08 मापदण्ड तय किये गये। इन मापदंडों के आधार पर ही जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले मुखिया का चयन किया जाना है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अक्टूबर, 2022 से सितम्बर, 2023 के बीच की अवधि में मुखिया द्वारा किये गये कार्यों के आधार पर जिला स्तरीय चयन समिति उत्कृष्ट तीन मुखिया का चयन करेंगे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि मुखिया को सम्मानित करने हेतु निर्धारित मापदण्ड के आधार पर अंक प्रदान करने हेतु सभी जिलों में एक चयन समिति का गठन किया जाएगा। चयन समिति के अध्यक्ष, अपर समाहर्त्ता-सह-जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी होंगे। जबकि जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जन सूचना पदाधिकारी, इनके अलावे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से सम्बन्धित योजनाओं में कार्य करने वाले दो प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, जिनका मनोनयन सम्बन्धित जिला के उपायुक्त द्वारा किया जाएगा, सदस्य होंगे।
श्री चौधरी ने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्त को यह निर्देश दिया जाए कि वे चयन की प्रक्रिया पूरी कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले मुखिया की सूची 15 नवंबर, 2023 तक आयोग को उपलब्ध करा दें।
बैठक में खाद्य आयोग आयोग की सदस्या शबनम परवीन, सदस्य सचिव संजय कुमार, आयोग के पूर्व सदस्य उपेन्द्र नारायण उराँव, रामकरन रंजन, सर्वोच्च न्यायालय के आयुक्त के पूर्व राज्य सलाहकार बलराम, पूर्व कुलपति, विनोवा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग रमेश शरण सहित प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।