Wednesday, October 9, 2024
HomePakurअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र गर्जना कार्यक्रम आयोजित

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र गर्जना कार्यक्रम आयोजित

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
rajkumar bhagat photo

पाकुड़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा पाकुड़ में झारखंड सरकार के खिलाफ एक जोरदार छात्र गर्जना कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन सिद्धू कान्हू पार्क के निकट हुआ, जिसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्र और नेता शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकार की विफलताओं और प्रशासनिक अनियमितताओं पर विरोध दर्ज कराना था। इस मौके पर अभाविप के प्रांत मंत्री सौरव झा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

सरकार के वादों पर सवाल
सौरव झा ने अपने संबोधन में कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के विद्यार्थियों, युवाओं और महिलाओं से कई बड़े वादे किए थे। इनमें शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा प्रमुख थे। हालांकि, तीन साल बाद भी राज्य में कोई खास बदलाव नहीं देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसी समृद्ध खनिज संपदा वाले राज्य में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था कमजोर हो चुकी है और सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।

कुपोषण और गरीबी से जूझता झारखंड
सौरव झा ने आगे कहा कि झारखंड की जनता आज भी गरीबी और कुपोषण की मार झेल रही है। राज्य के 20 प्रतिशत शिशु और बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जहां झारखंड देश की खनिज संपदा का बड़ा हिस्सा रखता है, वहीं इसकी जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। झारखंड के मंत्री और अधिकारी राज्य को लूट रहे हैं, और मुख्यमंत्री समेत अन्य जिम्मेदार लोग इस लूटपाट में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जल, जंगल और जमीन को भी नहीं छोड़ा और इनकी भी अवहेलना की जा रही है।

महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
अभाविप के विभाग संयोजक अमित साहा ने झारखंड में महिलाओं की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि संथाल की महिलाएं, जो कभी राज्य की पहचान थीं, आज खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा पर झारखंड सरकार पूरी तरह से विफल रही है। आदिवासी जनसंख्या में 10 प्रतिशत की गिरावट हो चुकी है, और बांग्लादेशी घुसपैठ तथा धर्मांतरण अपने चरम पर है। इस परिस्थिति ने राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को प्रभावित किया है।

सरकार की वादाखिलाफी
अमित साहा ने आरोप लगाया की सरकार ने राज्य के युवाओं को प्रति वर्ष 5 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। महिलाओं को मुफ्त शिक्षा और चूल्हा भत्ता देने के वादे भी खोखले साबित हुए। राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहाल हैं। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। शिक्षा व्यवस्था भी लचर हो चुकी है, जहां विश्वविद्यालयों में कुलपति और कॉलेजों में प्रधानाचार्य की नियुक्ति तक नहीं हो रही है।

शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर आघात
अभाविप ने आरोप लगाया कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ चुकी है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में न तो सही तरीके से शिक्षा दी जा रही है, और न ही प्रशासनिक सुधार हो रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं। सरकारी अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न ही दवाएं उपलब्ध हैं। राज्य के गरीब, आदिवासी और बेसहारा लोग इस भ्रष्ट तंत्र के कारण लगातार पीड़ित हो रहे हैं।

अराजकता और भ्रष्टाचार पर “काला दस्तावेज” जारी
कार्यक्रम के अंत में अभाविप ने राज्य की अराजकता और सरकार की विफलताओं पर एक “काला दस्तावेज” जारी किया। इसमें राज्य में व्याप्त शैक्षणिक, सामाजिक, रोजगार, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उजागर किया गया। अभाविप ने कहा कि यह दस्तावेज झारखंड सरकार की निरंकुशता का नतीजा है और इसे जनता के सामने लाकर सरकार को जवाबदेह बनाने की कोशिश की जा रही है।

भ्रष्ट सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत
अभाविप ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल में कोई ठोस काम नहीं किया है। भ्रष्टाचार, धार्मिक घुसपैठ, और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी ने राज्य को पीछे धकेल दिया है। इस मौके पर प्रदेश मंत्री सौरव झा ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राज्य में व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगी, ताकि सरकार को उसकी विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके।

इस छात्र गर्जना कार्यक्रम में अमित साहा, सौरव झा के साथ-साथ स्थानीय नेताओं और छात्रों की भारी संख्या में भागीदारी रही।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments