केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025 पेश किया, जिसमें मध्यम वर्ग, गरीबों, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इस बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है।
इसके अलावा, 18 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी, जबकि 25 लाख तक की आय वालों को 1.10 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलेगी। इसके साथ ही, आईटीआर और टीडीएस की सीमा भी बढ़ाई गई है। अब टीडीएस की सीमा 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट को बताया ‘जनता की जेब भरने वाला’
बजट 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट आम लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा,
“आमतौर पर बजट का फोकस इस बात पर रहता है कि सरकार का खजाना कैसे भरेगा, लेकिन यह बजट उससे बिल्कुल अलग है। यह बजट देश के नागरिकों की जेब कैसे भरेगी, उनकी बचत कैसे बढ़ेगी और वे देश के विकास में भागीदार कैसे बनेंगे, इस पर केंद्रित है।”
शिक्षा क्षेत्र को 1.28 लाख करोड़ का आवंटन
शिक्षा क्षेत्र को इस बार 1,28,650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 7% अधिक है।
- 2024 के बजट में 1.12 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान था, जबकि 2023 की तुलना में यह 13% की वृद्धि थी।
- इस वर्ष 1.28 लाख करोड़ रुपये में से 78 हजार करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए दिए गए हैं, जो कुल बजट का 61% हिस्सा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र को 98 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 98,311 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
- पिछले साल स्वास्थ्य बजट 86,582 करोड़ रुपये था, जिसे इस बार बढ़ा दिया गया है।
- आयुष्मान भारत योजना के लिए 9,406 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 4,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- दवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 2,500 करोड़ रुपये ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव’ (PLI) के तहत आवंटित किए गए हैं।
ग्रामीण विकास को 2.67 लाख करोड़ का प्रावधान
ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए सरकार ने 2.67 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले वर्ष 1.80 लाख करोड़ रुपये था।
- इस बजट में मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना को शामिल किया गया है।
- इस फंड का उपयोग कृषि, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और आवास सुविधाओं को मजबूत करने में किया जाएगा।
कृषि क्षेत्र को मिलेगी मजबूती
बजट 2025 में कृषि क्षेत्र को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया है। वित्त मंत्री ने कृषि योजनाओं और किसानों के हित में कई बड़े ऐलान किए हैं।
- सरकार ने फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने की घोषणा की है।
- किसानों को सस्ते कर्ज देने के लिए बजट में अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया गया है।
- कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों और डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नए प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे।
बजट पर भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडे की प्रतिक्रिया
भाजपा, पाकुड़ के जिलाध्यक्ष अमृत पांडे ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह गरीबों, मध्यम वर्ग और समाज के सभी वर्गों के लिए शानदार बजट है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बजट से हर वर्ग को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि, चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र को विशेष रूप से कवर किया है, जिससे देश के विकास को नई गति मिलेगी।
बजट 2025 को देश के आर्थिक विकास को गति देने वाला बजट माना जा रहा है। इसमें मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ा हुआ निवेश, ग्रामीण विकास को नई दिशा और किसानों के लिए कई अहम योजनाएं शामिल की गई हैं। यह बजट ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।