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मेल समाचार सेवा
रांची, 16 नवंबर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बुलाई गई झारखंड जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की 26वीं बैठक में छोटानागपुर किरायेदारी (सीएनटी) अधिनियम के तहत भूमि लेनदेन को सीमित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। परिषद ने निर्णय लिया कि भूमि की खरीद और बिक्री 26 जनवरी, 1950 को झारखंड के भीतर स्थापित जिलों और पुलिस स्टेशनों का सख्ती से पालन करेगी। इसके अतिरिक्त, झारखंड विधानसभा सह जनजातीय परामर्शदात्री परिषद के सदस्य स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में समिति ने अपना कार्यकाल बढ़ा दिया। एक और वर्ष।
बैठक का मुख्य आकर्षण लुगु पहाड़ पर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा प्रस्तावित लुगु पहाड़ जल विद्युत पंप भंडारण परियोजना का सर्वसम्मति से विरोध था, जो कि बोकारो के आदिवासी संतालियों के लिए एक पवित्र स्थल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार आदिवासी समुदाय के लिए एक प्रतिष्ठित धार्मिक विरासत लुगु पर्वत की सुरक्षा का वचन देते हुए परियोजना के निर्माण के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करेगी। सरकार समुदाय की भावनाओं और विश्वासों पर किसी भी तरह का व्यवधान रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
इन निर्णयों के अनुरूप, मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर से 29 दिसंबर तक “आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम में तेजी लाने का निर्देश दिया। इस पहल का उद्देश्य जनता से जुड़ना और उनकी चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है।
बैठक में वन अधिकार के तहत “अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान” पर भी चर्चा हुई। परिषद ने राज्य में वनों पर आश्रित आश्रितों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टों के वितरण में तेजी लाने के निर्देश जारी किये। इसके अतिरिक्त, राज्य में पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार) कानून को बढ़ाने के लिए टीएसी सदस्यों से सुझाव मांगे गए। बैठक के दौरान छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में उपस्थित उल्लेखनीय लोगों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री और टीएसी के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन, टीएसी सदस्य प्रोफेसर स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन, दीपक बिरुआ, भूषण तिर्की, सुखराम ओरांव, दशरथ गगराई शामिल थे। , विकास कुमार मुंडा, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकु, शिल्पी नेहा तिर्की, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार, जमाल मुंडा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव मुख्यमंत्री विनय कुमार चौबे समेत अन्य को।
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