Friday, February 14, 2025
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वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से आया यह ऐतिहासिक पल : गहलोत

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अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि चन्द्रयान-3 की यात्रा से भारत को सम्मान और गौरव का क्षण मिला है और भारतीय होने के नाते वह भी गौरवान्वित व धन्य महसूस कर रहे हैं। जयपुर वैक्स म्यूजियम (जयपुर मोम संग्रहालय) ने पर्यटकों के साथ चन्द्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का जश्न मनाया। संग्रहालय के संस्थापक निदेशक अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि इस अद्भुत ऐतिहासिक क्षण का स्पेस शटल के टीवी सेट पर सीधा प्रसारण किया गया। स्पेस सूट पहने बच्चों ने पूरे दिन तिरंगे के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। चन्द्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर जयपुर शहर में आम युवाओं में काफी उत्साह है और उन्होंने ढोल बजाकर और पटाखे जलाकर जश्न मनाया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में यह सफलता इसरो के वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम और पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री गहलोत सहित अन्य गणमान्य लोगों सहित राज्य की जनता ने ‘चन्द्रयान-3’ की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बधाई दी।
गहलोत ने एक्स पर पोस्अ किया है, ‘‘नभ स्पृशं दीप्तम् ! आखिरकार इसरो के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से वह ऐतिहासिक पल आ गया जिसके लिए पूरा देश प्रार्थना और इंतजार कर रहा था। चन्द्रयान-3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम और नेहरू जी व इंदिरा जी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है।

आजादी के कुछ वर्षों बाद ही अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए संस्थान बनाने से आज भारत वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन गया है।’’
गहलोत ने अपने सरकारी निवास पर स्कूली बच्चों के साथ टेलीविजन पर ‘चन्द्रयान-3’ की लैंडिंग देखी। अतीत में गोते लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इंसान में चांद पर पहली बार कदम रखा था तो वह छात्र थे और इस ऐतिहासिक घटना को लेकर बहुत उत्साहित थे।
राज्यपाल मिश्र ने चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर इतिहास रचने पर इसरो और समस्त देशवासियों को बधाई दी है। बयान के अनुसार, मिश्र ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा देश आज इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों के इस प्रयास को स्तुत्य (पूजनीय) बताते हुए कहा कि यह विकासमान भारत की बड़ी उपलब्धि है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए लिखा है, ‘‘आपके धैर्य और परिश्रम पर भारत का प्रत्येक नागरिक गर्व करता है। सम्पूर्ण देशवासियों को बधाई देती हूं!’’

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक्स पर पोस्ट किया है, ‘‘हिंदुस्तान ने रच दिया इतिहास! चांद पर लहराया भारत का परचम!’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया है। यह हम भारतीयों के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है।’’
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि चन्द्रयान-3 की यात्रा से भारत को सम्मान और गौरव का क्षण मिला है और भारतीय होने के नाते वह भी गौरवान्वित व धन्य महसूस कर रहे हैं।
जयपुर वैक्स म्यूजियम (जयपुर मोम संग्रहालय) ने पर्यटकों के साथ चन्द्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का जश्न मनाया।

संग्रहालय के संस्थापक निदेशक अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि इस अद्भुत ऐतिहासिक क्षण का स्पेस शटल के टीवी सेट पर सीधा प्रसारण किया गया। स्पेस सूट पहने बच्चों ने पूरे दिन तिरंगे के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
चन्द्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर जयपुर शहर में आम युवाओं में काफी उत्साह है और उन्होंने ढोल बजाकर और पटाखे जलाकर जश्न मनाया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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