समाहरणालय सभागार में हुई महत्वपूर्ण बैठक
पाकुड़। समाहरणालय स्थित सभागार में जिले में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। बैठक में पशुपालन विभाग, गव्य विभाग, झारखंड मिल्क फेडरेशन के प्रतिनिधियों सहित जिले के कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता, पशु टीका कर्मी, प्रगणक, पर्यवेक्षक, पशुधन गणना से जुड़े कर्मी एवं सूचीबद्ध पशु आपूर्तिकर्ता उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना तथा संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करना था।
पशुधन विकास और टीकाकरण पर दिया गया जोर
बैठक में उपायुक्त ने कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता एवं टीका कर्मियों को निर्देश दिया कि वे पूरी समर्पित भावना के साथ कार्य करें, ताकि जिले में पशुरोगों पर प्रभावी नियंत्रण, पशुओं की नस्ल में सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की दिशा में बेहतर परिणाम मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पशुधन गणना एवं टीकाकरण कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि जिले में पशुओं की संख्या, स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन से जुड़ी सटीक जानकारी मिल सके।
गुणवत्तापूर्ण पशुधन आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश
बैठक में सूचीबद्ध पशु आपूर्तिकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे जिले में गुणवत्तापूर्ण पशुधन की आपूर्ति सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचें। उपायुक्त ने सख्त हिदायत दी कि पशुओं की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी आपूर्तिकर्ता द्वारा गुणवत्ता से समझौता किया गया या कोई अनियमितता पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिले में दुग्ध सहकारी समितियों के गठन पर चर्चा
बैठक में झारखंड मिल्क फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने पाकुड़ जिले में दुग्ध सहकारी समितियों के गठन और उनके सशक्तिकरण पर चर्चा की। इस दौरान जिले में फेडरेशन के उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने, मिल्क पार्लर स्थापित करने और दूध संग्रहण केंद्र (बीएमसी) अधिष्ठापित करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
पाकुड़ को दुग्ध उत्पादन का हब बनाने का संकल्प
उपायुक्त ने कहा कि पाकुड़ जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर इसे दुग्ध उत्पादन का हब बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे इस दिशा में ठोस रणनीति बनाकर कार्य करें, ताकि जिले में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा मिले और किसानों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि हो सके।
बैठक से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- पशुओं के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और टीकाकरण अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने पर जोर दिया गया।
- कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से उन्नत नस्ल के पशुओं का उत्पादन बढ़ाने पर चर्चा हुई।
- मिल्क पार्लर और बीएमसी केंद्रों के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन जल्द करने का निर्देश दिया गया।
- दुग्ध उत्पादकों को उचित बाजार उपलब्ध कराने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कही गई।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में समर्पित भावना से कार्य करने पर जोर दिया जा रहा है।