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प्रिगोझिन के लड़ाके शहर-शहर अपना कब्जा जमा रहे थे और इस तरह की आशंकाएं और तेज हो रही थी। लेकिन 25 जून आते आते मामला अलग ही मोड़ लेता दिखा।
24 जून को रूस में जो हुआ उससे लगा कि युद्ध अब रूसी सेना के हाथ से निकल गया है। रूस गृह युद्ध की आग में धधकने लगेगा। अमेरिका से ब्रिटेन तक सभी की नजर रूस के घटनाक्रम पर थी। लेकिन असली घटनाक्रम प्रिगोझिन की बगावत नहीं बल्कि पुतिन का सीक्रेट प्लान है। जिसकी भनक अमेरिका और ब्रिटेन की सीक्रेट सर्विस एजेंसियों को अब लग चुकी है। दरअसल, वैगनर रोस्तोव से मॉस्को की तरफ रवाना हो रहे थे उसी वक्त एक सीक्रेट ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। इस ऑपरेशन का टारगेट कीव है।
पुतिन के सबसे करीबी शख्स ने उनके साथ धोखेबाजी की और सत्ता की लालच में युद्ध लड़ रहे रूस के भीतर ही गृह युद्ध की आग धधकने की आशंका जताई जाने लगी। बगावत का बिगुल ऐसा बजा की अमेरिका भी इस भ्रम में फंस गया कि पुतिन कमजोर पड़ गए हैं। प्रिगोझिन के लड़ाके शहर-शहर अपना कब्जा जमा रहे थे और इस तरह की आशंकाएं और तेज हो रही थी। लेकिन 25 जून आते आते मामला अलग ही मोड़ लेता दिखा।
एक रहस्मयी और अनबुझ पहेली कहे जाने वाले पुतिन ने ही बगावत की स्किप्ट लिख इसकी आड़ में सबसे विस्फोटक प्लान तैयार कर लिया। 18 घंटे की बगावत के बाद अब ब्रिटेन और अमेरिका के थिंक टैंक एक नई थ्योरी दुनिया के सामने रख रहे हैं। ब्रिटिश जनरल ने कहा है कि बगावत का पूरा ड्रामा दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किया गया था। इसकी आड़ में कीव हथियाने का का प्लान एक्टिवेट कर लिया गया। कई देशों की इंटेलिजेंस एजेंसिया और सैन्य अधिकारी यही दावे कर रहे हैं। पूर्व सीआईए अधिकारी ने पूरे बगावत को ड्रामा करार दिया है और कहां कि आर्मी तैनाती के लिए इसे किया गया।
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